हम सर्वाइव नहीं कर पा रहे हैं? तो बस गेम पर रुक जाती है। मैं ही जानती हूँ कि मैं क्या बोलूं? यहाँ पे भी। मैं? बस। इसलिए बोल रही हूँ ताकि मेरा दिमाग शांत रहे। मुझे यह लगता है कि हां? मुझे जो कहना था? मैंने बोल लिया। बस? मैं इतना जानती हूँ कि किसी को भी माफ कर पाना। बहुत मुश्किल होता है। जब कोई इंसान या कोई आपका अपना आपको इस तरह हर्ट कर देता है। और उस वक्त छोड़ता है? जब आप शायद उसके अलावा किसी को भी नहीं चाहते हो कि वो साथ खड़ा रहे। इतनी ज्यादा?
Mehnaz Amjad
@Mehnaz_Amjad · 4:26
साइकोलॉजी में भी? जब आप एक्सेप्ट कर लोगे? तो आप देखोगे कि आपका दर्द थोड़ा कम हो जाएगा। उससे लड़िए? मत? उसे एक्सेप्ट कर लीजिये। और अगर आपको हेल्प चाहिए? तो अपने आप को अगर आपको लगे कि आपको हेल्प की जरुरत है? कुछ चीजों से बाहर आने के लिए? थोड़ा? और इमोशनली? इंटेलीजेंट होने के लिए। तो ढेर सारे काउंसलर्स है। कोशिश? है? हेल्प लीजिए? और अपने आपको इतना स्ट्रेस में मत रखिये? क्योंकि जिंदगी मुश्किल जरूर है। लेकिन जिंदगी 1 नेमत भी है।
Sanad Khan
@zoyi · 2:20
थैंक यू सो मच। इतना सुनने के लिए? इतना वक्त? निकालने के लिए? आपने? मेरा? और सबसे अच्छी चीज। मुझे लगा था कि किसी को भी ऐसा समझ में आएगा। लेकिन आपको समझ में आ रहा? कि? हाँ? मुझे बहुत पता नहीं। थैंक यू सो। मच? और बहुत इम्पोर्टेंट है। चीजों को। ऐसे फैसले नहीं देने चाहिए। सोचने से पहले। हमें और भी 10 चीजों के बारे में सोचना चाहिए। मैं बिल्कुल समझती हूँ। मगर कभी कभी ऐसा लगता जैसे हम हार जाते हैं। हम कितना भी पॉजिटिव सोचना? चाहे कितना भी पॉजिटिव।
Swell Team
@Swell · 0:15
Syed Salman
@talktosalman · 2:09
hizoiयसुनसुनने के बाद मुझे लगा आपसे बात करनी चाहिए। अक्सर ऐसा होता है कि ऐसे दिन भी आते हैं। अब हर दिन 1 जैसा तो होता नहीं? कुछ अच्छे भी होते हैं? कुछ बुरे भी जाते है। तो ऐसे दिन भी आते हैं। जहाँ पर हम जब हम बहुत लो फील कर रहे होते हैं। हमें अंदर से बहुत तकलीफ हो रही होती है। अंदर से टूटे हुए होते हैं। खुद को। हारा सा समझते हैं? बिलकुल ऐसा फील होता है कि कहीं अकेले बैठ जाएं? हमें देखने वाला कोई न हो? हमें सुनने वाला कोई न हो। इस तरह की फीलिंग आना लाजमी है। और भले?
Sanad Khan
@zoyi · 0:56
जाती? दूसरे की चीज? बस? muskil? ऐसा क्या किया? ऐसा किया? इस? भूलना? एक्सेप्ट करना। हमें पता होता है कि बस चीजें खत्म हो गई है। हमारे साथ। जिसने जो कहना था, करना था? कर लिया। ब? हुत? मुश्किल हो रहा होता। बहुत लगता है। ऐसा लगता है जैसे अपनी कितनी बड़ी गलती की है। दुनिया में। के? या फिर? अगर ऐसे नहीं होते तो शायद सामने वाला आपकी शादी से नहीं करता? बहुत सारी चीजें।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 1:19
हाय? दिस? इज साबी? मैंने? अभी? आपका? स्वैल? सुना? जिसका टाइटल आपने रखा है। जिंदगी इतनी मुश्किल? क्यों है? एग्जैक्ट? ली? ये? हर किसी का क्वेश्चन होता है? कि जिंदगी इतनी मुश्किल क्यों है? क्योंकि यह जिंदगी है? जिंदगी है? तो मुश्किलें? होना? तो जाहिर सी बात है। लेकिन उन मुश्किलों से डट कर लड़ना? वो हमारी जिम्मेदारी है। हाँ? होता है। कभी कभी? की कुछ अपने हमें इस कदर छोड़ कर चले जाते हैं कि हम अंदर से ही बिखर जाते हैं? टूट जाते हैं।