Vipin Kamble
@Vipin0124 · 2:14
मेरे "मैं" की पहचान
ढूंढता। फिरूं? बस। मैं। अपनी असली? पहचान। मैं के फायदे, मैं के नुकसान। इसी गणित में। जीवन जीने के सही? तरीके? भूल, सा गया। मैं। सोचता हूँ? निकल पड़ूँ, इस मैं को छोड़कर, उस मैं को खोजने? जिसमें मिलेगा मुझे। सही। अर्थों में अपने जीवन में मैं का होने का सही ज्ञान। जी हां। इस मैं के चक्कर में हम कई बार बहुत सारी गलतियां कर जाते हैं। कुछ भूल जाते हैं, कुछ भूला देते हैं? कुछ अज्ञानतावश, कुछ जानबूझकर।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 0:38
hi? mam? this is peter? i really? like? or? beautiful? introduction? about? maa? makiameramaki? pहचाnanditis? the sem? as? said? and the sem? that experience? in? to day? like? also? बिल्कुल सही? कहा? आपने की? इसकी वजह से इंसान ने पहचान भी खो देता है और पहचान बना भी पाता है। सो? i really? like it? होप टु सी? यू अगेन? आन? होपिंग फॉर लिसनिंग? मोर स्वेल्स?
Swell Team
@Swell · 0:15
Hema Sinha
@HemaSinha1978 · 1:01
गुड? ईव्निंग मैम? मैं। हेमा सिन्हा साल बोस। पर। आज। आपकी पोस्ट सुनी। जो आपने मै शीर्षक चुना है। बहुत अच्छा लगा। और उसके बारे में जो भी बोला है। बहुत अच्छा। बोला। आपने। बहुत ही अच्छी बात बोली है। समझाई है? इंसान मै? जब इंसान के अंदर ये मै का भाव जगता है। मै के चक्कर में। इंसान इतना अंधा हो जाता है कि वो क्या क्या गलतियां कर? बैठता है? उसे खुद ही नहीं पता चलता। और खुद मार्ग भटक भी जाता है।