जिंदगी? घर से चले? न? जाने कितने? घर? बदले? घर? तो? घर खबर? नहीं? कितने शहर? बदले? बदली? राह? सड़क? मकान? बदले? बदले? मुखड़े? हमने देखे हैं? कितने ने तो अपने चरित्र? बदले। कहीं हुई? सुबह? तो? कहीं? गुजरी? शाम? यूं ही चलते चलते? कितनी रातें? बदले? क्या? यही है? जिंदगी? क्या? यही है? जिंदगी? 1 दौर था? बचपन? अब ये वक्त? जवान? 1 दौर था? बचपन? अब यह वक्त? जवान? जवानी? कभी न चिंता? कभी? अब। खुद से लड़। खुद की खोज में। निकले? अपनों से। बिछड़? कुछ? अपने बनाकर? चल? रहे? खुद का घर? बनाने? अपने ही घर से निकल? पड़े? क्या? यही है? जिंदगी? क्या? यही है? जिंदगी? थैंक? यू? सो? मच?
Sheeba ❤❤❤
@sheeba1234 · 0:10
हाई अनुराग सर। बहुत ही अच्छी कविता लिखी है आपने जिंदगी के बारे में। एंड आलसो। आपका जो अंदाज है इसे पढ़ने का वो भी बहुत अच्छा है।
हाई अनुराग जी। फर्स्ट फॉल। बहुत ही प्यारी। कविता। आपने लिखी है। बहुत ही रियलिस्टिक लिखी है। और इसमें आपने पूरी 1 इंसान की जिंदगी के सफर को शायद कैप्चर कर लिया। ऐसा मैं कहूंगी कि वो घर से निकलता है। बहुत सारी चीजों को पीछे छोड़ कर निकलता है। 1 नई उम्मीद के साथ। और वो क्या क्या फेस करता है? शायद अपनी लाइफ में। की लोगों के बदलते, बिहेवियर को उनके कैरेक्टर को बहुत कुछ देखता है दुनिया में। और उसके बाद जो वो 1 सफर है पूरी की। वो क्या क्या करके कहां से कहां पहुंचता है?
Swell Team
@Swell · 0:15
Anurag Singh
@its_me_patel_ · 1:04
गुड? आफ्टर? नो? थैंक? यू? सो? मच। आपको। मेरी लिखी पोएम? पसंद? आई हं जी। मैंने इस पोयम के थ्रू लाइव को डिस्क्राइब करने की कोशिश की कि आप स्कूल*** करते हैं? देन? कॉलेज? देन? जॉब। यूँ ही ऐसे भटकते रहते हैं? पता भी नहीं चलता। कभी कभी? तो पता भी न चलता कि आज हम हैं कहाँ? और कल? कहाँ? जायेंगे? प्लेसेस भी नहीं पता चलती। अचानक से। ऐसे हो जाता है। लाइफ में। तो।
nayan tara
@nayantara · 0:35
good evening mir anurag। बहुत अच्छी लाइन लिखी है। आपने। पढ़ी भी बहुत अच्छे से है। आगे भी eजiacokizing कुछ lika होगा और आगे भी लिखते रहेंगे। तो जरूर शेयर करिएगा। सभी को सुनके। अच्छा लगेगा कीप राइटिंग।
अनुराग जी आपका पोस्ट सुन के बहुत अच्छा लगा आपका स्टाइल और आवाज काफी गुलजार साहब की तरह है तो 1 कॉम्प्लीमेंट आपके लिए