Laxmi Dixit
@vicharnama · 2:43
Aaj ka kaam kal par chhodne ki aadat
कल करे? सो? आज कर? आज करे सो। अब पल में परलय होते हैं? बहुरी? करेगा? कब? हम में से बहुतों की आदत होती है? आज के काम को? कल पर टालने की। कोई काम आया? आलस? आ गया? चलो? आज? नहीं? कल कर लेंगे? फिर? जब कल आया? जिसे हमने कल वाले कल में सोचा था? तो? आज हो गया। आज। फिर? आलस? आ गया? चलो? आज? जरूरी? तो नहीं? कल कर ले? ऐसे कल? कल करते? करते?
Vipin Kamble
@Vipin0124 · 2:13
के आज को कल पे डाला? जैसे कि अपनी देखभाल करना, अपना ध्यान रखना, अपना वजन घटाना। और आपने? पूछा था? कि क्या? 1 सोलो बुक लिखना चाहते थे? लिख? पाए? वो भी बहुत सालों तक टलता रहा। लेकिन कहते हैं न कि 1 ऐसा सवेरा होता है कि आंख खुल जाती है? मेरे साथ भी ऐसा ही हुआ। 6 महीने पहले। मेरी भी बंद आँखें खुल गयीं। और बहुत सुकून और गर्व। महसूस होता है कि अपनी पहली सोलो बुक छपने के बाद उसे देख कर बहुत अच्छा महसूस हो रहा है। क्योंकि वो जो कल का काम था वो आज पर ही निपटा लिया।
Laxmi Dixit
@vicharnama · 0:56
नमस्कार? मैं? ढेरों? बधाइयाँ। आपको। आपकी। पहली 16 बुक पब्लिश होने के लिए? और आपने अपने जीवन के अनुभवों को मेरे मंच पर साझा किया। अपने विचारों को रखा। इसके लिए? तहेदिल से शुक्रिया। आपका। थैंक? यू।