Saumya Joshi
@thehilarytales · 2:31
सबसे प्यारा है वो। हम सबसे प्यार करता है वो। हम सब को माफ़ करता है वो।
सर्वश्रेष्ठ, सर्वशक्तिमान? है? पर? जताता? नहीं? तो हर हल? जानता है? पर इतराता नहीं? तो? चांद? जैसा? शीतल, कमल, जैसा? कोमल? है। तू। फूल? पौधे, नदिया? पहाड़। सब। तूने बनाए पिन? थके कैसे कर लेता है। तू। जब किसी में एतबार न रहे? तब भरोसा जीत लेता है। तू। आशाहीन की इकलौती? आशा है। तू?
Kunal Jain
@sonofindia · 0:24
स्वामी जी। अच्छी कविता है। भगवान के प्रति। श्रद्धा। जो है। वो इसमें दिखाई देती है। ऐसे ही लिखते रहे। अच्छे। अच्छे। शब्द। खोजें। अच्छे। अच्छे भाव रखे। और उसी भाव से। जो है। भगवान के प्रति। कविता। निकलती है। सो। ऐसे ही करते रहिये। कविता। और हमको सुनाते रहिये। बहुत बहुत बधाई।
Manya Munjal
@manyamunjal · 0:33
नमस्कार? स्वामिया जी। आपकी यह कविता यकीनन मेरे दिल को छू गई। मेरा नाम मान्या मुंजाल है। और आपकी इस रचना ने मेरे को चंद अल्फाज याद दिला दिए हैं? तो मैं वही दोहरा देती हूँ। आपके लिए। प्रार्थना शब्दों से नहीं, रिदा से होनी चाहिए। प्रार्थना शब्दों से नहीं, रिदा से होनी चाहिए। क्योंकि ईश्वर उनकी भी सुनते हैं जो बोल नहीं सकते। इसी के साथ मैं अपनी वाणी को विराम दूंगी और आशा करती हूं कि आप मेरा स्वेल कास्ट भी देखेंगी और मुझे भी प्रेम देंगे।