Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 4:42
"आँखों का शिकंजा" | "Aankhon Ka Shikanza"
उस समय हमें उतनी समझ यह हमारे जो परस्पेक्टिव है उसमें क्लैरिटी नहीं होती वो धुंधलापन होता है। और। और यही वजह होती है कि कई रिश्तों में मनमुटाव ये दरारें आ जाती है। तो इसी सोच को मद्देनजर रखते हुए। और इसी सोच की उधेड़बुन में मैंने कुछ पंक्तियाँ लिख दी। जिसको मैंने शीर्षक दिया है शीर्षक दिया है आँखों का शिकंजा तो ध्यान दीजिएगा गौरफरमाइएगा मैं तेरे से दूर होता आया। मैं तेरे से दूर होता आया
नमस्कार? आदर्श? जयमाता दी। आपका। आपकी कविता सुनी। बहुत अच्छी लगी। और मेरे को तो यही समझ में आता है कि आपकी कविता से कि आँखें? कई बार सच नहीं बोलती हैं। आंखें कई बार झूठ भी बोलती हैं। कई बार। जो हम समझते हैं कि उसकी आँखों में हमें दिख रहा है वो कई बार सच नहीं होता। और कहते हैं न? आँखों का धोखा। आँखों से भी धोखा खा सकते हैं? हम लोग? तो। मेरा तो यही कहना है? शिकंजा? मतलब? कई लोग हमें नजरों में बड़े भोले लगते हैं, बड़े मासूम लगते हैं।
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 1:07
और आपके स्वेल से 1 बस रिमाइंडर ही मिलता है कि सिचुएशन को हर तरीके से एनालाइज करें। उनका आंकलन जो है वो अलग अलग पैरामीटर्स में करे। यह भी देखें कि आप इस सिचुएशन में आप गलत थे? क्या? आपकी क्या गलती थी? वे? डेड? यू फेल? तो डिलेवर? तो बहुत बहुत ही सुंदर स्वेल। आपका। बहुत बहुत धन्यवाद। ध्यान रखें।
Adarsh Rai
@TheDevilsHorse · 1:36
बहुत बहुत धन्यवाद। इतनी ट्रेवल के बाद। इतनी थकावट के बाद। आपने? वक्त निकाला? ये बहुत बड़ी बात है। मैं बहुत एप्रीसिएट करता हूँ। और थे दिल से शुक्रिया रेस्ट करिए मिलते हैं फिर किसी और सिल्म में। और हाँ मतलब अच्छा लग रहा है। मुझे। मतलब ये जो हिंदी वाला लिखने का जो है न? मतलब इंग्लिश की तो पोइम्स बहुत लिखे हुए कुछ हिंदी की। मैं फ्रेश लिख रहा हूँ। और अच्छा थॉट प्रोसेस बिल्ड हो रहा है? और भी लिखी है। मैंने तो बीच में जैसे जैसे वक्त मिलेगा तो शेयर करता रहूँगा। बाकी?
और हर बार आप अपने पंक्तियों से इतना अवैरनेस लाते हैं? इतना ऐसा फील कराते हैं? कि क्यों हम ऐसे किए? क्यों? ऐसा नहीं कर सकते थे? ऐसे बहुत से बहुत सारे सवाल मन में उठते हैं। तो आप ऐसे बहुत अच्छी स्वेल हमारे सामने प्रस्तुत करने के लिए, हमारे साथ शेयर करने के लिए। बहुत बहुत धन्यवाद। आप ऐसे ही स्वेल्स पोस्ट करते रहिएगा? धन्यवाद।
mind set to be un effected by what happened in the past and what happens in the present i just flow whatever the outcome is good or bad and let the time unfold the anses thank you so much for thi