Sujeet Jha
@sujeetjha.in · 2:11
Some people may find it irrational, but I do this...
हम 1 ही जिंदगी में कई जिंदगियां जी लेते हैं। और जब मुड़कर देखते हैं तो कई किरदार खत्म होते से दिखते हैं। इस बीच मेरा सफर बीच रास्ते में खत्म होने से लगता है। लेकिन ये खत्म हो नहीं सकता है। मानो? सामने। हर चीज धुंधला और धब्बा भरा है। पर चीजों की कमी नहीं है। आते? रहूँगा? दोस्तों। अब स्वर में। अक्सर आते रहूँगा और आप अपनी प्रतिक्रिया दें। आपको कैसा लगा? यह बताएं? मिलते हैं? मित्रों नमस्कार?
Sreeja V
@Wordsmith · 0:29
नमस्कार? सुजीत? जी? बहुत अच्छा लगा। आपका ये पोस्ट सुन के। और आपका स्वागत है। सेल में। शायद। आपने पहले भी ऑडियो मीडियम यूज किया है। क्योंकि आप बहुत ही अच्छे तरीके से बहुत ही कंफरटेबल लग रहे हैं। इस मीडियम में। तो जरूर सुनना चाहेंगे आपके परस्पेक्टिव जिंदगी को लेकर। और और भी चीजें। सो। वेलकम मंस, अगेन, थैंक, यू, फॉर, रेस्पोंडिंग टु, माई प्रॉम्ट?