Kunal Jain
@sonofindia · 4:22
Mother’s day Hindi poem recital. माँ वो तू नहीं थी तो कौन थी ?
सुबह? शाम की? दौड़? भाग में अपने आप को भूल जाना। रात होते ही? मुझको कहानी? सुना के? सुलाना? मेरी कहानी में भी मुझको ही हीरो बनाना? अपने सपनों में भी? मेरे ही? सपने? बुनना? वो तू नहीं? थी? तो कौन थी? माँ? वो? तू ही? तो? थी? न? माँ? कभी कभी जो हम बीमार हो जाते थे? तो देखो?
Neelam Singh
@NEELAM · 0:29
बहुत सुंदर रचना आपकी। और 11 शब्द आपने उसमें डाले हैं। जो 1 माँ के विषय में बोला है कि माँ क्या नहीं करती? तो सच में काफी अच्छी रचना लगी। मुझे आपकी लिखी हुई। और सुनाने के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद। आप ऐसे ही अपनी प्यारी प्यारी रचनाएं कविताएं सेल पर लाते। रहिए। धन्यवाद।
Shiva Dubey
@SHIVAdubey_2787 · 0:41
हुलाली? पहले तो बहुत बहुत धन्यवाद। आपका आपने इतनी सुंदर प्रस्तुति मां पर लिखी। और मैं आपको प्रणाम करती हूं। आपने जो सबसे सुंदर लाइन। मुझे आपकी लगी। जिसमें आपने ईश्वर से प्रार्थना की है कि मुझे कभी भी मेरी माँ को जब हमारी जरुरत हो तो मैं वहां पहुंच जाऊं। यह बहुत अच्छी बात है। आपने 11 चीज को 11 पंक्ति को बहुत अच्छे से लिखा। सारी भावनाएं उसमें डालनी है। और मैं आपको इसके लिए फिर से प्रणाम करती हूँ। थैंक यू कुनाल जी? आप ऐसी स्वेल लाते रहिये? अच्छा लगता है? प्रेणना? मिलती? है नमस्कार?
Kunal Jain
@sonofindia · 0:40
शिवाजी। थैंक्यू सो। मच। आपकी सराहना के लिए। आप जैसे रीडर्स मिल जाए और चाहने वाले मिल जाएं। तो अपने आप की कविताएं निकालती। है? तो बहुत ही बहुत धन्यवाद। आपकी सरहाना। बहुत अच्छी लगी। और मेरी कई सारी कविताएं हैं। मेरे स्वेल। तो अगर आप जायेंगे। देखेंगे। तो। मैं स्वर यह कविताओं के लिए ही रखा हुआ है। ये स्पेस और आपने सही कहा? मैं? आगे। और कुछ नए ख्याल आयेंगे। तो उनको डालता रहूंगा। और बहुत बहुत धन्यवाद।
Kunal Jain
@sonofindia · 0:21
नीलम? जी? थैंक यू वेरी। मच। मैं। आपको बहुत टाइम हो गया। मैंने सेल देखा नहीं था। तो आपके सरहाना भरे शब्दों के लिए हमेशा बहुत बहुत धन्यवाद। और मैंने 12 नई कविताएं भी लिखी हैं। तो आपको जब टाइम मिले उन्हें देख लेना। सुन लेना? थैंक यू सो। मच।
Aditi Kapoor
@MyCuratedTales · 1:22
और आखिरी में जो कहा कि जब उन्हें हमारी जरूरत हो तो हम भी उनके लिए खड़े हों? या तनी शक्ति हो? तो मैं भी। हमेशा यही अपने जीवन में मानती हूं कि जिस भी तरह से मैं कर सकूं अपने मां बाप के लिए करूं। हालांकि, मेरे पिताजी अब मेरे साथ नहीं है। मेरी माँ है। तो मैं अपनी माँ के लिए हर वो चीज करना चाहूंगी। थैंक यू सो मच।
Kunal Jain
@sonofindia · 0:59
hello aditi apka ye jo itna sarhanabraor pram? bra? jo ka comment a it s? very nice of you? i really? feel? very very im, not even finding? a word? i⁇mfeeling very emotional? that s very kind that you understood the whole poem। you like the life? two lines, yes our mothers are very pressures? and their love। is an conditional? so its very difficult to actually? sometimes i feel? so bad, that bid we be able? to give? the same love?