अगर तेज हो जाए तो इन वादियों में कहीं? छोटा? सा ही सही? लेकिन मकान बन जाउंगा। मैं? हां? मुझे पता है कि मंजिल बहुत खूबसूरत है, तुम्हारी तो क्या? रास्ते को भी तो खूबसूरत बनाऊंगा। मैं सुबह की पहली किरण जो तेरे चेहरे को देख के खिल जाती है। वो किरन भी बन जाउंगा, मैं मैं हर वो चीज कर जाऊंगा? जो मैंने आज तक कभी नहीं की थी। तेरे लिए। सूरज सा? चमकूंगाभी और शाम को तेरे साथ ही टल जाउंगा। मैं कोशिश जरूर करूंगा कि तेरे खयाल को मैं अपना खयाल बना कर हकीकत बना दूं।
बहुत ही अच्छा लगा। और जो आपने रिसाइट किया वो भी बहुत सुन्दर तरीके से किया था। तो बहुत ही सुन्दर बोट्री है। सच में। यह। मेरा तो यह ख्याल है कि यह पोइट्री कभी खत्म ही न हो। तो थैंक यू फॉर? शेयरिंग? दिस पोयट्री। और ऐसी ही अच्छी अच्छी और पोइटरी लिखती रही है? सुनाती रही है। हमें? बहुत अच्छा लिखा है। आपने? थैंक यू।
Saumya Joshi
@thehilarytales · 0:33
ह**ो? शिवानी जी नमस्कार? मुझे आपकी कविता बहुत पसंद आई। और जिस तरीके से आपने उसे बोला वो भी बहुत अच्छा था। इस कविता में। जो आपने इमेजिनेशन यूज करी है वो मुझे सच में बहुत काबिले तारीफ लगा। सबसे पसंद मुझे आपकी लास्ट लाइन। आई। कविता की जो थी कि अगर हमारा मिलना ऐसे ही लिखा है तो मैं पूरी जिंदगी सपनों पर ही वार दूंगी। मतलब खयालों पर ही वार दूंगी। तो मुझे यह लाइन बहुत अच्छी लगी। बहुत अच्छा बोला आपने।
Kunal Jain
@sonofindia · 0:37
शिवानी जी आपकी कविता और उसकी डिलीवरी बहुत ही सुंदर है। खयालों को बहुत अच्छे से बुना है। आपने। और ख्यालों में से कई ख्याल निकाले हैं। और सबसे बड़ी बात है की जो भाव है न इस कविता का की आप या आप किसी और के लिए लिखी है? तो वो 1 दूसरे के प्रति समर्पित होना चाहते हैं। और सिर्फ इसलिए कि आपको उनका साथ चाहिए। तो बहुत अच्छा खयाल है। बहुत अच्छे भाव हैं। इसी तरह से कविता करते रहिये। बहुत बहुत बधाई।