तुम। जब गुजरो मेरे शहर से तो यूँ चुपचाप न गुजर जाना। तुम जब गुजरे मेरे शहर से तो यूँ चुपचाप न गुजर जाना। रखना दबे पाँव। मेरी गली में कदम और हल्के हाथ से मेरे घर का दरवाजा छू जाना। इंतजार कवा था, न तेरा था, न मेरा था। इंतजार का वादा। न तेरा था, न मेरा था। पर। आदतन। 1 बार फिर से अपने हर वादे से मुकर जाना। रखना 1 जहरीली सी मुस्कान अपने चेहरे पर। रखना। 1 जहरीली सी मुस्कान अपने चेहरे पर।
shilpee bhalla
@Shilpi-Bhalla · 0:08
हेलो? गुड? इवनिंग। साफी जी। आपके रिप्लाई के लिए बहुत बहुत शुक्रिया। और आपको अच्छी लगी। कविता। इसके लिए भी बहुत बहुत शुक्रिया।