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आंख तो आंख होती है , कभी यहां चलती है तो कभी वहां पर चलती जरूर है , मेरी poem ka शीर्षक आंख चल गई है
@WAR

writer Aashika (Reshu) jain

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आंख तो आंख होती है , कभी यहां चलती है तो कभी वहां पर चलती जरूर है , मेरी poem ka शीर्षक आंख चल गई है

में आप सभी को अपनी लेखन यात्रा के बारे में बताने जा रही हूं , मुझे लिखने का बचपन से शौक नहीं था , लेकिन दूसरो को समझाना मुझे अच्छा लगता था , में धीरे धीरे अपने विचारो को अपनी dairy में लिखने लगी✍️✍️✍️
@WAR

writer Aashika (Reshu) jain

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में आप सभी को अपनी लेखन यात्रा के बारे में बताने जा रही हूं , मुझे लिखने का बचपन से शौक नहीं था , लेकिन दूसरो को समझाना मुझे अच्छा लगता था , में धीरे धीरे अपने विचारो को अपनी dairy में लिखने लगी✍️✍️✍️

जीवन की गहराई में जाकर देखो दोस्तो , यहां कोई खुश तो कोई गुमसुदा है , कोई हस रहा है तो कोई दिखावा कर रहा है , मेरी poem का शीर्षक जीवन की गहराई है
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जीवन की गहराई में जाकर देखो दोस्तो , यहां कोई खुश तो कोई गुमसुदा है , कोई हस रहा है तो कोई दिखावा कर रहा है , मेरी poem का शीर्षक जीवन की गहराई है

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