रिश्तों का पानी है आंसू सुख दुख में, सबके साथ बहे आंसू खुशी के हों या दुख के, आज लड़ रहे हैं पानी के खातिर लोग, चारों तरफ है प्यास ही प्यास पंछी प्यासे, सहमे ताल, तलैया सब सूखे पानी, बिना कैसे पूरे हों जीवन के सब काम। धरा पर, मानवता जीवित रखने को भी हमारी आँखों में पानी भरपूर बना रहे धरा पर, मानवता जीवित रखने को भी, हमारी आँखों में भी भरपूर पानी बना रहे।