@nehhabhandari

बचपन!!

article image placeholderUploaded by @nehhabhandari
बचपन? बचपन। 1 ऐसा सार्थी जो हमें जीवन भर याद रहता है। शायद हमारी आने वाली जिंदगी का स्मृति चिन? जिसके आंचल में खेल। हम अपने भविष्य की नींव रखते हैं। बचपनी है। जिसे हम हमेशा काश के साथ संबोधित करते हैं। तो इसी काश में मैं आज फिर हो गई? याद है? अभी भी? वो बारिश में भीगना? मिट्टी में खेलना? ठंड में गर्म, गर्म, भुट्टों का मजा लेना। दांत। खट्टे हो जाने तक नीबू का अचार। चूसना। भाई के साथ लड़ना। बहन को सताना।

# https://s.swell.life/SU75b5Em86RMr2p

@smileypkt
Prashant Kumar
@smileypkt · 4:12

बचपन के उत्साह के साथ जीना

बहुत बहुत धन्यवाद नेहा मैम इस बहुत ही प्यारे से स्विल कास्ट को शेयर करने के लिए और मैं अपने अनुभव से बस इतना बोलना चाहूँगा न कि जब हम अपने उस बचपन को छोड़ कर के दूसरों के सामने अच्छा दिखने के लिए दूसरों का अटेंशन पाने के लिए दूसरों के सामने स्मार्ट दिखने के लिए हम फेंक करने लगते हैं खुद को हम जो होते हैं उससे अलग होके दिखना चाहते हैं दूसरों को तो उस समय ऐसी हमारा बचपन हमारे जिंदगी के अस्तित्व से मिटने लगता है मेरा अपना अनुभव यह कहता है कि हमारा बचपन हमारे साथ जीवन भर जीवित रह सकता है अगर हम खुद को अपने बचपन के साथ जिस तरह से हम बचपन में उत्साह से जीते थे उस उत्साह को लगातार कायम रख सके और ये करना बहुत ज्यादा मुश्किल नहीं है बस उम्मीद यह उम्मीद छोड़ना पड़ता है कि मुझे लोग रिस्पेक्ट करें लोग मुझे एप्रीसिएट करें और मुझे लोगों के सामने न इंबैरेसमेंट फील न हो मुझे उनके सामने खराब न लगे मुझे बुरा न लगे मैं लोगों के सामने गिर न मैं लोगों के सामने न हार हूँ ताकि उनको मौका मिल जाए मुझे मुझे क्रेटिसाइज करने का क्यूंकि मैं जहाँ तक समझ पाता हूँ बचपन में हम इस बात की बिल्कुल भी कदर नहीं करते थे इस बात का बिल्कुल भी हम जरा सा इस बात पर ध्यान नहीं देते थे कि हम किसके सामने गिर रहे हैं चलते चलते हम किसके सामने गिर जा रहे हैं कौन हमें देख रहा है कौन नहीं देख रहा है गिरने के बाद अगर चोट भी लगता था तो रोते थे और चुप होने के बाद उसी उत्साह के साथ फिर से दौड़ते थे फिर से चलते थे तो बात अभी भी उस उत्साह की है उस रवैये की है अगर वो रवैया हम अपनी जिंदगी में फिर से जागृत कर पाए तो हमारा बचपन हमारे साथ हमेशा खेलेगा कूदेगा और इस बात में तो मैं बिल्कुल भी यकीन नहीं रखता हूँ की कोई भी महान काम करने के लिए कोई बड़ा काम करने के लिए या 1 अच्छा जीवन जीने के लिए समझदार जीवन जीने के लिए बचपन को मारना पड़ता है नहीं जब बचपन आपके साथ जीवित होता है तो वो काम करना बहुत सहज हो जाता है उस जर्नी में कभी आप थकते नहीं है बचपन आपको हमेशा आराम का जो है न आराम के हवा वाले झोंके से हवा का ऐसा झोंका देता है न बचपन अपनी यादों से अपने उत्साह से की आपकी सारी थकान को वो अपने साथ मिटा देता है और फिर भी कायम रहता है आपके आराम को बार बार आपके लिए सहज बनाता है और बचपन की बहुत सारी खूबियां हैं तुम्हे ने अपने जीवन में अनुभव की की हर 1 छोटी छोटी बात पे आपको बुरा नहीं लगता है बचपन में अगर हमें कोई मार भी देता था हमारे साथ जो खेल रहा है वो हमारे खिलौने तोड़ देता था तो ऐसा नहीं हो जाता था कि हम उसके प्रति न बदला लेने का कोई भावना मन में पाल के रखते थे है न बड़े होने के बाद ये ठीक है हमें कुछ लोगों से सतर्क होकर जीना चाहिए हम सब लोगो के साथ उतना ओपन नहीं हो सकते हैं जितना कुछ लोगों के साथ अपना हो सकते हैं अपने पर्सनल लोगों के साथ लेकिन हम ये तो कह ही सकते हैं न की किसी के लिए भी हेट्रेड जलसे रिवेंज वाली भावना अपने मन में ना रखें और बस इतना करने से ही हम सुकून से भर जाते है जैसे हमारे मन से हेटरेडजलसीरिविंज ऐसे भाव निकलते हैं बाहर हमारा मन बिल्कुल शांत होकर सुकून से भर जाता है और वही वो जो सुकून होता है हमें वापस बचपन में ले जाता है इस स्विलकास्टके लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद बहुत धन्यवाद
0:00
0:00