Meenu Babbar
@kavyakaar · 1:35
कविता --- जी भर के जी ले
काव्यकार? का? आप सब को नमन। प्रणाम? दोस्तों। कैसे हैं? आप? सब? आशा? करती हूँ? सब? अच्छे होंगे। मैं। मीनू बब्बर। आज फिर से अपनी 1 नई रचना के साथ यहाँ प्रस्तुत हूँ। और जो मेरी रचना है उसका शीर्षक है जी भर के जिले। 4 दिन की जिंदगी, गम की नाकर बात। जी भर के। जीले साथी। डरने की क्या बात। हर पल है, हर पल में। ढूंढ ले, खुशी। हर बल में ढूंढ ले, खुशी। हर पल। ले ले। आनंद।
Urmila Verma
@urmi · 0:48
मीनू जी। आपकी कविता सुने। जो कि बहुत ही प्रेरणादायक और आशा भरने वाले हमारे मन में। जी भर के जिले। जिंदगी। आपने। इसमें कहा है कि जीवन के अनेक फल है और जीवन का हर पल खास है। जीवन में बहुत सारे रंग हैं। और ये रंग हमें खुशियों से ओत प्रोत कर देने हैं। तो बहुत उत्साह देने वाली, बहुत आशान्वित करने वाली। यह कविता है। आपकी। बहुत प्रेरणादायक हैं। आप। ऐसे लिखते। रहिये। बहुत अच्छा लिखते हैं। आप। आपकी। आवाज भी। बहुत खनकती हुई। बहुत अच्छी लगती है।