ह**ो दोस्तों ये पोएम मैंने खुद को डेड**ेट किया है और 1 लाइन उसको भी डेड**ेट किया है जिसको मैंने बहुत बीनता चाहा था अगर आपको अच्छी लगे तो प्लीज लाइक एंड फॉलो इस अंधेरे को यही तो खलता है इस अंधेरे को यही तो खलता है इसका चराग आंधियों में कैसे जलता है और हैरान परेशान होते हैं ये लोग देखकर पांव में छाले लिए यह लड़का कैसे चलता है हर दर्द में मैं खुशियाँ पिरोता गया जनाब यही देखकर तो जमाना हाथ मलता है और ये लाइन उसके लिए के इश्क में खुद को फना करने का हुनर उसको कहाँ आया इरशाद इश्क में खुद को फना करने का हुनर उसको कहाँ आया इरशाद पेपाई रग रग में थी और रग कहाँ बदलता है इस अंधेरे को यही तो खलता है इसका राग आंधियों में कैसे चलता है शुक्रिया दोस्तों।
Priya kashyap
@Priya_swell_ · 0:10
जब बात दोस्तों की हो तो जो शब्द होते हैं वो बाई हार्ट होते हैं तो आपने बहुत ही अच्छा लिखा है बहुत ही खूबसूरत लिखा है थैंक यू।
Irshad Alam
@Kalam-e-irshad · 0:16
शुक्रिया आपने ना और आपको अच्छी लगी शायरी इस के लिए आप भी बहुत अच्छा लिखते हो और आपकी वाइस उससे भी ज्यादा अच्छी है थैंक यू सो मच।