अब उसकी बात भी निकले? तो? पहरों में हंसता? नहीं? अब उसकी बात भी निकले? तो? पहरों में हंसता? नहीं? जिंदगी ऐसा जंगल तेरी यादों का? कि? जिसमें? जिंदगी? ऐसा जंगल? तेरी यादों का कि, जिसमें परछाई हर कदम पे? मिलता? कहीं? रास्ता? नहीं? परछाई हर कदम पे? मिलता? कहीं? रास्ता? नहीं? हर मरतबा कुसूर? गर्म? हवा को? क्या दीजिये?
Huma Ansari
@HumaAnsariwrite · 0:30
बहुत ही सुंदर। वजल जयाजी। कुछ अशार में भी पेश करती हूँ। जुदा होकर भी वो मुझसे जुदा नहीं। जुदा होकर भी वो मुझसे जुदा नहीं। यादों में अक्सर मुलाकातें होती रहीं। कुसूर था? किस्मत का? हमारी? कुसूर था? किस्मत का? हमारी? वरना? तो? वो बेवफा नहीं? वरना तो वो बेवफा नहीं।