Hritik Sharma
@Hritz_history · 4:18
Rajesh Khanna:Ek Tanha sitara #Rajeshkhanna #Biography
1 दिन खुद पीछे छूट जाते हैं। जो किसी कोने में खड़ा होता है। उसका सित तारा 1 दिन बुलंद हो जाता है। और वापस वह रसातल में भी चला जाता है। ग्लैमर की यह क्षण भंगुरता? अपने आप में। 1 सीख है? कि ज्यादा उड़ो। मत। 1 दिन। धड़ाम से। गिरोगे। राजेश खन्ना फिल्म दुनिया के पहले सुपरस्टार थे। वह लॉन्च स्टार के रूप में हुए। अखबार में छपी फिल्म फेयर की प्रतिभा खोज। प्रतियोगिता। 1965 का विज्ञान यापन देखा। और उसे अपनी अदाकारी से जीत लिया।
यानि? मेरे टाइम? पे? मैं? ईटिसकिडू। तो? पर। उससे पहले। पहले। मुझे 1 सुपरस्टार से पहचान हुई। मैं कहानी को? याद दोहराना। चाहती हूं। मेरे यहां। टीवी नाइनटीन। आईटी। सेवन में। आई थी। और उस वक्त मैं 1 बच्ची थी। फर्स्ट डेड में थी। और कुछ टीवी के आने के। कुछ दिन बाद। मेरी माँ बहुत एक्साइटेड थी। पता है? क्यों? क्योंकि आराधना टीवी में आ रहा था। मां बोल रही थी कि आज शाम को आराधना है। और आस पास की सारी? दीदिया। मामा? मामी की एज की? बाकी? आंटिया। सब। हमारे घर आकर बैठ गए। क्योंकि आराधना है? तो हमें बच्चों को हिंदी ज्यादा? मालूम? नहीं? हम छोटे हैं। और शुरू हो गया वही मुस्कान। और जो गाना। आपने। गाया। मेरे सपनों की। रानी। कब आयेगी? तू? आई? रुत?