रात काटे कहां? जो कमाया था। उससे। रुकने का इंतजाम भी हो गया। सुबह? फिर चलना शुरू कर दिया। गाँव। फिर भी नहीं। मिला। आखिर? चलते? चलते। 3 दिन बीत गए। पर ऐसे ही? छोटी? मोटी? मजदूरी करके। रास्ते में खाने का इंतजाम करते गए। फिर गांव पहुंचे? वहां। 1 खास तरह का चबूतरा दिखाई दिया। उन्होंने खोदना शुरू कर दिया। खोते? खोते? गड्ढा? तो बहुत गहरा होता चला गया। पर हाथ? भला? कहाँ? कुछ? लगता?
Pousali Das
@Pouz_Talk · 1:05
hi hemamemगुडईवनिंग? मैं अभी आपका ये स्पेल सुन रही थी। मेहनत बहुत अच्छा टॉपिक चूज किया आपने। और इसमें जो कहानी आपने बताई बहुत अच्छा लगा। मुझे आपका बातों से मैं सहमत हूँ की हैं। लाइफ में कोई भी काम अगर हम लोग मेहनत से करे उसका फल जरूर मिलते हैं। वो हो सकता है कि लेट पर रिजल्ट आये? या फिर बहुत वेट करने के बाद आय। पर। मिलते है जरूर कोई पॉजिटिव रिजल्ट। एकदम सही बोला। आपने। थैंक यू सो। मच। फॉर दिस ब्यूटिफुल टॉपिक एंड दिस ब्यूटीफुल स्वेल।
Sabi Sharma
@swenzaa67 · 0:58
तो ऐक्चवली जीवन में मेहनत ही सब कुछ है। जब तक मेहनत नहीं करोगे तो कुछ हासिल नहीं होगा। मेहनत करते रहना चाहिए। और मेहनत करने से ही हमें सफलता मिलती है। और मेहनत करने से ही हम जिंदगी में आगे बढ़ते हैं। बहुत ही सुन्दर कहानी थी। आपकी। आशा करूंगी। आप। इसी तरह अच्छी अच्छी कहानियां कविताएं लेके आती रहेंगी। और हम सुनते रहेंगे। थैंक यू वेरी मच।
Uchi. Uchita Galaiya
@Feather · 1:08
नमस्कार? हेमा? जी? गुड? इवनिंग। मैंने? अभी। आपका स्वेल सुना? जिसका स्वष आपने रखा है। मेहनत बिल्कुल सही कहा कि मेहनत करने पर हमें यह पता चलता है कि तत्पश्चात जो हमें फल स्वरूप। जो परिणाम मिलता है वह कितना मीठा होता है। और उसका आनंद कुछ और ही होता है। उसे जीने का और समझने का मजाक कुछ और ही है। बिल्कुल सही कहा आपने। इस कहानी के दौरान। मैं यह सोच रही थी कि क्या होगा इसका अंत? क्या? ये समझ पाएंगे कि नहीं? मेहनत करनी चाहिए?