@Ananya.
Ananya Shrivastava
@Ananya. · 3:14

गुरु पूर्णिमा।

नमस्कार दोस्तों आज मैं फिर आप सभी के बीच हाजिर हूँ आज यानि कि 13 जुलाई 2022 आज गुरु पूर्णिमा का दिन है तो आज हम गुरु पूर्णिमा पर ही बात करेंगे गुरु पुर्णिमा किस संदेश के साथ मनाया जाता है क्या है गुरु पुर्णिमा जो हमारे अज्ञान रूपी अंधकार को दूर कर ज्ञान रूपी प्रकाश की ओर ले जाता है वही गुरु होता है भारतीय परंपरा में गुरु और शिष्य में कोई भेद नहीं जब गुरु शिष्य को उपदेश या ज्ञान देता है तो इस भावना से कि नया शिष्य उसके भीतर जन्म ले रहा है उस समय वह ब्रह्मा का स्वरूप होता है वस्तुतः गुरु परंपरा वह होती है जो सत्य का साक्षात्कार कर चुकी है होती है गुरु के भीतर साक्षात्कार की जो शक्ति है उसे वह शिष्य में स्थान स्थान्तरित करने की क्षमता रखता है इस रूप में वह शुभ होता है गुरु साक्षात शुभ हो जाता है और उसके भीतर निहित गुरु परंपरा की शक्ति गौरी बन जाती है गुरु हमारी ज्ञान शक्ति पर छाय विषय रूपी अंधकार को हटा देता है तब ज्ञान स्वयं प्रकाशित हो उठता है वहीं सत्य की अनुभूति कराता है सत्य वह है जो 1 है असीम है बस भेद बुद्धि के कारण अलग प्रतीत होता है जैसे जलते हुए अनेक कोयले में अग्नि 1 ही प्रज्वलित होती है परंतु वह हमें विभिन्न रूपों में दिखाई पड़ती है यह भिन्नता कोयले के स्वरूप के कारण है अग्नि तो 1 है इसी तरह ज्ञान में भेद नहीं है विषय के कारण प्रतीत होता है इसलिए गुरु और ईश्वर में अभेद है गुरु ही ईश्वर हो जाता है और अपने शिष्य के विषय विकारों को मिटाकर उसे भी ज्ञान और साधना परंपरा का सवाहक बनने के लिए लक्ष्य बनाता है यदि 1 बार ज्ञान रूपी अग्नि प्रचलित हो गई और सत्य का दिगदर्शन हो गया तो विषयवासना उसके संपर्क में आकर भी समाप्त हो जाएंगे ज्ञानी व्यक्ति निर्लिप्त हो जाएंगे यही मानव चेतना की क्रांति है और यही प्रत्येक गुरु पूर्णिमा का संदेश भी इसी संदेश और समृद्ध परंपरा को देखते हुए ही भारत को आत्मसाक्षात्कार और ज्ञान की भूमि कहा गया है भारतीय संस्कृति में ज्ञान की वह प्रज्वलित अग्नि सहित और ज्ञान के शिखर हैं गुरु गुरु तत्व ही मानवीय चेतना की क्रांति है यही गुरु तत्व भारत भूमि की समग्र विश्व को अनुपम देन है फिर आपसे मुलाकात होगी कुछ ऐसे ही विषयों पर तब तक के लिए ख्याल रखे शुक्रिया।
0:00
0:00