Prashant Kumar
@smileypkt · 4:59
Life, mistakes books and lessons
और ये मतलब मैं जजमेंट के बेसिस पे नहीं कर रहा हूँ, कम्पेरिजन के बेसिस पे नहीं कर रहा हूँ। मैं बात ये कर रहा हूँ। हम डीपी इस बात से बहुत ज्यादा अफेक्टेड फील करते हैं कि मेरे आस पास के जो लोग हैं मेरे इस मूवी को अप्रीशिएट कर रहे हैं या वो क्रिटिसाइज कर रहे हैं वो अपने मन ही मन में भले, सामने से वो हमसे कुछ भी न बोले, लेकिन हमको हमेशा लगता रहता है कि मैं ये जो कर रहा हूँ क्या वो सही है। फ्रॉम।