07 Sacchai ka Puraskar (सच्चाई का पुरस्कार )

अगले दिन शिक्षक ने सभी कापियां देखी तो केवल 1 ही बालक के सारे उत्तर सही निकले उन्होंने उस छात्र को पास बुलाकर पुरस्कार देना चाहा छात्र शिक्षक के पास आया और पुरस्कार तो लिया नहीं उलटा रोने लगा शिक्षक को बहुत आश्चर्य हुआ उन्होंने उससे रोने का कारण पूछा तो बालक ने हाथ जोड़कर नमृता से कहा गुरु जी आपने तो यह समझा होगा कि इन सब सवालों के उत्तर मैंने अपनी बुद्धि से निकाले हैं पर सच यह नहीं है इन सवालों में से 1 सवाल में मैंने अपने 1 मित्र की सहायता ली है अब आप ही बताएं कि मैं पुरस्कार पाने लायक हूं या दंड पाने लायक?

Series - Famous Men. This story is from the life of Shri Gopal Krishna Gokhale and his virtue of truthfulness. #mummykahanisunao

Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:14
सच्चाई का साथ देना। सच। बोल पाना बहुत ही साहस की बात है। और इस बच्चे ने वो साहस दिखाया। ये कहानी मुझे बहुत अच्छी लगी। थैंक। यू फॉर शेयरिंग, बाय, बाय?
Challa Sri Gouri
@challasrigouri · 1:30
इसी समय में। सच्चाई का महत्व समझाना और बच्चों को सच्चाई के राह पर चलने की प्रेरणा देना। बहुत बहुत इम्पोर्टेंट है। और मैं मानती हूं कि ऐसी कहानियां पढ़ने से ऐसी कहानियां सुनाने से बच्चों में हम बहुत बदलाव ला सकते हैं। और आदर्शवान बना सकते हैं। ऐसी कहानी को हमारे सामने प्रस्तुत करने के लिए। बहुत बहुत धन्यवाद। और आपकी भाषा सुनने के बाद मुझे लगता है कि मुझे भी बहुत कुछ सीखनी है। क्योंकि मैं बेसिकली साउथ इंडिया से हूं। तो मेरी मदर टंग तलु है।

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