The mystic
@The.mystic01 · 3:58
सफल जीवन के लिए मन और शरीर का समन्वय
चाहे ये शारीरिक स्तर पर हो या फिर मानसिक स्तर पर। इसलिए सिचुएशन कितनी भी चैलेंजिंग लगे, आपका शरीर उसे हैंडल कर सकता है। असली चैलेंज यह है कि आपको अपने माइंड को कनविंस करना है? कि यस? आई? कैन? डू? इट? आपका? दिमाग। आपका? दुश्मन भी है और दोस्त भी। निश्चित रूप से हमारे माइंड की शक्ति अविश्वसनीय है। जहाँ हमारी बॉडी के अपने फिजिकल लिमिटेशंस हैं वहीं हमारी मानसिक शक्ति और दृढ़ संकल्प, हमें उन सीमाओं से परे जाने में मदद करता है। और कहते भी है कि आपका शरीर लगभग किसी भी चीज का सामना कर सकता है।
hi? थैंक? यू? फॉर? द इनवाइट एंड? यह आपने बहुत सही कहा है कि सफल जीवन के लिए मन और शरीर दोनों का बैलेंस होना बहुत जरूरी है। बट। जो पॉवर हमारे माइंड में है। उससे हम बहुत कुछ अचीव कर सकते हैं। इस लाइफ में। अगर हम उसको सही से यूज करें। और अगर उसको हम गलत तरह से यूज करें। इट कैन? बी? कम? द? मोस्ट? डिस्ट्रक्टिव? फोन्स? लाइफ? तो जब हम अपने थॉट्स को कंट्रोल करना सीख जाते हैं?
The Bookbot Theory
@Bookbot · 1:45
बहुत छोटी उम्र में। और रीजन? यही बताया था। मुझे डॉक्टर ने अपने दिमाग को बहुत ज्यादा पुश कर रही थी। आप अपने बॉडी को सुनना सो? तब से जब भी मैं अपने आप को पुश करने की कोशिश करती हूँ? मैं अपने शरीर से जरूर पूछती हूँ कैन? वी? डू? दिस? आर? रेडी? और वो? जो कहते हैं न? बॉडी? वो? वो? बहुत इम्पोर्टेंट है। हमें सृष्टि। ऐसी हर 1 चीज की साइन मिलती रहती है? बस वो हमें कान खुले? रखने? पड़ेंगे? वैसा है? मैं बहुत सहमत हूँ। आपके सारे बातों से।