Raja Harishchandra - P2
शैव्या जी ने धर्म के मार्ग पर हरीश चंद्र जी का साथ देते हुए अपनी साड़ी का 1 भाग फाड़ कर उससे दाह संस्कार का मूल्य चुकाने का निर्णय किया। शैव्या जी ने जैसे ही साड़ी भाड़ी इंद्रदेव और अन्य देवताओं सहित महर्षि विश्वमित्र उन्हें रोकने के लिए आ गए। देवराज इंद्र ने राजा हरीश चंद्र को पूरी कहानी सुनाई कि उनकी परीक्षा क्यों ली गई और उन्हें इतनी कठिनाइयों का सामना क्यों करना पड़ा। विश्वमित्र जी ने स्वीकारा कि सब उनकी माया का जाल था और तुरंत ही उन्होंने मायावी जल छिडक कर रोहिताश्व को तुरंत पुनर्जीवित कर दिया।
Ranjana Kamo
@Gamechanger · 0:09
thank you for the stories me bahut kuch hi जानने के seknेela i look for avere to the next part thank you so much for sharing boby