कभी वरना मुर्दों की फिक्र कौन करता है, वरना मुर्दों की फिक्र कौन करता है धन्यवाद शुक्रिया कैसी लगी मेरी कविता बताइएगा जरूर दोस्तों, आज के दौर में कई ऐसे वृद्ध वृद्ध कह लीजिये या फिर प्रौढ़ जोड़े होते हैं जो उम्र के इस पड़ाव में आकर अपने आप को बहुत एकाकी महसूस करते हैं, साथी होते हुए भी वो 1 सूनापन सा महसूस करते हैं अपनी जिंदगी में, इसी पर मैंने ये कविता लिखी कैसी लगी आपको बताइएगा है थैंक यू थैंक यू सो मच सो मच शुक्रिया गुड नाइट।
Aishani Chatterjee
@Aishani · 0:48
हैजा। आपका ये कविता बहुत खूबसूरत है और मुझे लगता है ये जो फीलिंग है लॉन्गिंग ऑफ वेटिंग इसके साथ काफी लोग बहुत रिलेट करते हैं क्योंकि किसी न किसी पढ़ाव में लाइफ के हमने ये फील किया है जहां पर हम किसी के लिए या किसी चीज के लिए वेट कर रहे है। i थिंक wating for a really long time, takes a lot away fro यू and its not easy to go through दिस फीलिंग तो डील दिस फीलिंग और आपने उसी को अपने पोयट्री के जरिए इतनी खूबसूरती से एक्सप्रेस किया, बहुत बहुत अच्छा लगा मुझे यह।