Dr. Uday Roman
@Dr.UdayRoman · 4:59
Chappal Ki Dukan
वो कीमत इतनी बढ़ गयी, उनसे जूते बनवाने बनवा कर ले जाने लगे और जो शो रूम है पापा बुला लिया बेचारे जो लगते थे चिपकाते करते करते करते करते तो वो कहते हैं जब से ये चप्पल आये मेरा जो है एकदम भाग्य बदल गया है तो इसलिए इस चप्पल को तो हमें किसी को देना नहीं लेकिन देंगे तो उसी आदमी को देंगे जिससे जिसकी ये चप्पल है तो मित्रों कितना ईमानदार आदमी था और कितनी ईमानदारी से उस लड़के ने भी मुझे बताया की इस चप्पल की सी वरना कौन कहाँ किस को भूल जाते हैं चप्पल थी, बेच देता कमा ले ता मुस्लिम था, सच्चा मुस्लिम था और उसने चप्पल संभाल के रखी और आज भी वो शोर में लगी थी मैं नहीं लूंगा 30 चप्पल यहाँ लगे रहते है नहीं उनका कर्जा मुझे माफ़ करना है इसलिए प्लीज ये चप्पल ले के जा से बॉक्स में पैक कर लिए कहानी से बहुत बड़ा सबक मिलता है की ईमानदारी बहुत बड़ी चीज होती है और ईमानदारी ही पे करती है भले ही।