वहाँ पर कुछ लोग लेट करते हुए ढोल को लेकर चले गए। और वहाँ पर जा कर लगभग 200 से ढाई सौ लोग हो गए। बढ़ते बढ़ते जो राहगीर गुजर रहे थे। वहां से वो भी रुक के इंडिया की सेलिब्रेट करने लग गए। और सब लोग इतना खुश हो कर नाच रहे थे। लगभग वहाँ पर। 1 घंटे तक यही मंजर रहा। और सब लोगो ने बहुत इंजॉय कर। इंजॉय करने के बाद। इंदौर के लोग रुकते नहीं है। उनको और ज्यादा चाहिए। मतलब उनको। बहुत ज्यादा भी। थोड़ा सा कम लगता है। वही वाली बात।
Himanshi Thakur
@GreyMatter · 3:01
नहीं मालूम पर वहां से 23 बार वहां जाना हुआ तो काफी ऊंची है बाउंडरी पर थोड़ा हाइट का फायदा उठाते हुए झांक लिया करते थे वहां से शहर दिखता था बहुत सुंदर एंड आई इसके अलावा तो बी आर टी एस का जो आईएस का सेवा है वो तो आई डरिब्लीमेसहाऊ कनविनिटटवॉज तो मूव अक्रॉस द सिटी जस्ट बिकाज ऑफ आइबस और शहरों में एक्सेप्ट बॉम्बे डेली बाकी शहरों में बहुत दिक्कत हुई और इंदौर के 1 कांट्रीब्यूशन यह भी रहा कि दुनिया देखी मैंने इंदौर में और स्पेशली आई गॉट इंटरड्यूस तो फूड डिफ्रेंट काइंड्स ऑफ फूड इतना इतना वैराइटी स्टीड फूड से लेकर कैफे कल्चर रेस्टरां इन फैक्ट मैंने साउथ इंडिया में जाकर तो साउथ इंडिया का खाना नहीं खाया है बट मैं सेंट्रल इंडिया में बता सकती हूं कि जो मुझे साउथ इंडियन कुजीन का टेस्ट बनाना लीफ। मिलता है विच इज इन मल्हार मल्हार मॉल में ऊपर में है तो वो जो जबर्दस्त वहां पर मिलता है वो मुझे नहीं लगता कहीं?