सारे बारी तो सर बुरीदा है सर उठाने को अब बचा है कौन सारे बारी तो सरुबुरिदा हैं सर्व सजदा है सैकड़ों सरकश सर्व सजदा हैं सैकड़ों सरकश आप तनहाहिसरकशिदा हैं सर्व सजदा हैं सैकड़ों सरकश आप तनहा। हिसर कशीदा हैं तेरी आँखें भी हो गईं मखमूर तेरी आंखें भी हो गईं। मखमूर मेरी आंखें वि खाव दीदा हैं तेरी आँखें भी हो गईं। मखमूर मेरी। आखें भी खाबदीदा हैं। आपके हुस्न का बया क्या हो
Arish Ali
@arish · 0:04
व ह, मनीष साहब। मजा आ गया। सुनकर। थैंक यू फॉर शेरिंग।
Irshad Ali
@Irshad · 0:22
वह मनीष rng ukl।
Anu Sham
@Anu_Budhrani · 0:05
कला जी। बहुत अच्छा लगा। आपकी। गजल सुन के शुक्रिया।

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