नियति

कहते न कि रावण जो था। 1 ब्राह्मण था। बहुत विद्वान ब्राह्मण था। फिर भी वो असुर बन गया। और 1 गरीब अज्ञानी, 1 दलित शबरी वो देवी? बन गई। केवल और केवल अपने कर्मों की वजह से। अपनी नियति की वजह से। तात्पर्य यह है कि आप गर्म अच्छा कीजिए। आप अपनी नीयत को साफ रखिए। क्योंकि कर्म जो होता है। आपकी नियति जो होती है। वो जन्म और जाति से तय नहीं की जाती। आपके कर्मों से, आपके संबंधों से तय की जाती है। कोशिश कीजिएगा कि आपके कर्म। अगर गलत रस्ते पर हैं? तो सही रास्ते पर आ जाए।
Aditi Kapoor
@MyCuratedTales · 1:22

@kahanibaaz

1 अच्छा इंसान बन सकता है। कर्म अच्छे होते हैं तो पीडियों को मार्ग दर्शन बहुत अच्छा मिलता है। तो मैं यही कहना चाहूंगी एंड थैंक यू सो मच फॉर योर सवेल ऑन सच ब्यaटिfुल एन इंस्पीरेशनल टॉपिक फिर मिलते हैं ब बाय

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